नई दिल्ली. कोरोना वायरस (Coronavirus) की वजह से अब चीन से निकलने की तैयारी कर रही 600 विदेशी कंपनियां (Foreign Companies) भारत आ सकती है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन कंपनियों के साथ बातचीत चल रही है. इस योजना को अंजाम पर पहुंचाने के लिए केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने राज्यों से भी संपर्क साधा है. जो राज्य सबसे किफायती स्तर पर व कम समय में प्लांट लगाने की सहूलियत देंगी उनके यहां विदेशी कंपनियों को जाने की छूट मिलेगी. राज्यों को भी अलग से प्रोत्साहन दिया जाएगा.
कंपनियों को भारत में लाने की तैयारियां तेज- अंग्रेजी के अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए एक इंटरव्यु में उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि विदेशी कंपनियों को भारत लाने में राज्यों की भूमिका सबसे अहम होगी. सरकार की कोशिश ऐसी है कि राज्यों के बीच विदेशी कंपनियों को बुलाने के लिए आपस में ही प्रतिस्पर्धा हो.
अभी विदेशी कंपनियों को यूनिट लगाने में मुख्य रूप से जमीन लेने व स्थानीय स्तर पर मंजूरी लेने में सबसे अधिक समस्या आती है. राज्यों को तैयार किया जा रहा है कि वे जमीन उपलब्ध कराने पर सबसे ज्यादा ध्यान दे. विदेशी कंपनियों के मन में भारत में जमीन अधिग्रहण को लेकर काफी भ्रम है जिसे दूर किया जाना जरूरी है.
कोरोना वायरस के बावजूद भारत में डॉलर के जरिये निवेश तेजी से बढ़ रहा है. यह एक अच्छा संकेत है.
कोरोना वायरस से कई नए अवसर भी बनें- गोयल ने बताया कि कोरोना वायरस ने अगर चुनौतियां दी हैं तो कई तरह के अवसर भी मिलने के संकेत दिए हैं. इस बारे में सरकार उद्योग जगत के साथ मिल कर आगे की रणनीति बना रही है. अलग-अलग उद्योगों के लिए अलग-अलग रणनीति बनाई जाएगी.
इंडस्ट्री के लिए सरकार ने उठाए कई अहम कदम- गोयल आगे कहते हैं कि नरेंद्र मोदी सरकार ने खनन, एग्रीकल्चर और इंडस्ट्री में कई बड़े रिफॉर्म किए है. कॉर्पोरेट टैक्स में बड़ी कटौती की गई है. वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने 12 सेक्टर्स की पहचान की है जिनमें एक्सपोर्ट को बढ़ाने की पूरी क्षमता है.